A Review Of Aise Kyun Lyrics

देखो कैसों-कैसों को है नाच नचाती मधुशाला।।४०।

कंठ बंधे अंगूर लता में मध्य न जल हो, पर हाला,

वही वारूणी जो थी सागर मथकर निकली अब हाला,

बस आ पहुंचे, दुर नहीं कुछ, चार कदम अब चलना है,

और पुजारी भूला पूजा, ज्ञान सभी ज्ञानी भूला,

चहक रहे, सुन, पीनेवाले, महक रही, ले, मधुशाला।।१०।

सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।१।

दुनिया भर की ठोकर खाकर पाई मैंने मधुशाला।।७२।

हमें नमक की ज्वाला में भी दीख पड़ेगी मधुशाला।।७५।

काम ढालना, और ढालना सबको मदिरा का प्याला,

चलने ही चलने में कितना जीवन, हाय, बिता click here डाला!

कितने अरमानों की बनकर कब्र खड़ी है मधुशाला।।८९।

छोटे-से जीवन में कितना प्यार करुँ, पी लूँ हाला,

मेरे शव पर वह रोये, हो जिसके आंसू में हाला

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